बागेश्वर धाम
-
*संत हृदय नवनीत समाना।*
*कहा कबिन्ह परि कहै न जाना॥*
*निज परिताप द्रवइ नवनीता।*
*पर सुख द्रवहिं संत सुपुनीता॥*संत हृदय नवनीत समाना।* *कहा कबिन्ह परि कहै न जाना॥**निज परिताप द्रवइ नवनीता।* *पर सुख द्रवहिं संत सुपुनीता॥**आज मध्यप्रदेश के…
Read More »